Saturday, September 5, 2009
आज का काम कल पर छोड़ो...
दुनिया भर में आज जश्ने लेट लतीफी यानी 'बी लेट फोर समथिंग डेÓ मनाया जा रहा है, ऐसे में हम पीछे रहने वाले नहीं। हम ठहरे ठेठ हिन्दुस्तानी। विश्व गुरु का तमगा हमें यू ही थोड़े ही न मिल गया। हमारा तो हर दिन 'आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों वाली तर्ज पर कटता है। काम को निपटाने की जल्दी न करें हो जाएगा। जीवन भर काम ही तो करना है। फिर भी मन न माने तो यह भूल जाइए कि आज हमें क्या-क्या करना है। टाइम क्या हो रहा है। या घड़ी को ही बंद कर दें। पीछे कर दें। लेटलतीफियों की नजर में काम से ज्यादा जरूरी आराम है। काम को टाला जा सकता है आराम को नहीं। ऐसा करने से तनाव नहीं होता। हम बताते जाएं कि इस दिवस की शुरुआत 'प्रोक्रेस्टिनेटर्स क्लब आफ अमरीका ने की थी जिसका नारा है 'जिस काम को आप कल पर टाल सकते हैं उसे आज कदापि न करें।
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